786 का मतलब क्या है 786 KA MATLAB KYA HAI IN ISLAM IN HINDI 786 की उत्पत्ति कैसे हुई कैसे बना इतिहास मतलब 786 का रहस्य क्या है?
आज के समय में 786 को लेकर कई सारे सवाल खड़े है जैसे 786 की उत्पत्ति कैसे हुई बना, 786 का मतलब हरे कृष्णा, इससे पहले हमने आपको बताया था 786 की उत्पत्ति कैसे हुई ?
आज हम इस बात पर चर्चा करेंगे की 786 कैसे बना तो इसके पीछे की एक कहानी आपको सूना देते है इससे आपको समझ में आ जाएगा 786 का इस्लाम में क्या महत्व है और कैसे बना ?

786 का मतलब क्या है – 786 KA MATLAB KYA HAI
सबसे पहले जानिये 786 की उत्पत्ति कैसे हुई ? – 786 का मतलब क्या है – 786 KA MATLAB KYA HAI
786 कैसे बना इसको जानने के लिए आपको इतिहास के पन्नो को उलटना होगा – जब जहालत का समय अरब में हुआ करता था, उस समय वहा का एक नम्बर का खेल हुआ करता था, इस खेल को अब्जद के नाम से जाना जाता था.
✅ इसे समझने के लिए देखे – आलिफ = 1, बे = 2
✅ इस तरह से गिनतियो को मिलाकर अरब के लोग फाल खोलते थे, अब यह फाल क्या है सबसे पहले आपको यह समझना होगा.
🔜 मान लीजिए आपका नाम फैज है – तो फैज में = फ, ये, जवाद = value of numbering = total number.
मतलब नाम के एक शब्द के अंक और बाकी शब्दों के अंक को एक साथ करने के बाद उन सब को जोड़ कर एक वैल्यू निकाल लेना फिर चित्तियों पर लिखकर मोड़ देना फिर जिसके नाम का चीत्तीया बनाया गया है उनसे कहाँ जाता था
लिखो कोई एक नम्बर, अगर तुम्हारे द्वारा लिखा नम्बर और चित्तियो का नम्बर match हो जाता है तो तुम जैसा चाहते हो वैसा ही तुम्हारा काम हो जाएगा. तो इसे पुरे खेल को ही फाल खोलना कहा जाता है –
यह एक तरह का जहालत ही था जिसे शरियत ने हराम करार दिया है. आज के समय लोगो ने अब्जद के ऐतबार से यह मतलब निकाल लिया, 786 का मतलब – बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम होता है.
अब बात साफ़ हो गयी की 786 का मतलब केवल बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम नहीं होता है क्योकि बहुत से और मजहब में भी 786 को बहुत ही ज्यादा फायदे वाला नम्बर माना जाता है साथ ही आज के कुछ गैरमुस्लिम 786 को ॐ से भी तुलना करते है तो हम तो यही आपसे कहेंगे गुमराही के रास्ते से बाहर निकले.
786 की उत्पत्ति का इतिहास
यहाँ जानिए 786 की उत्पत्ति का इतिहास क्या है –
इस्लाम में 786 का इस्तेमाल करना कैसा है ? तो आपको बता दे इस्लाम में शोर्टकट करने का तरीका बिद्दत कहाँ जाता है और शरियत में कुछ नया अकीदा इजाद करना, इसका मतलब आप अच्छे से जानते है. अगर 786 का मतलब बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम हो सकता है तो कितना आसान हो जाता की हम सभी सुरह और दुआ नमाज में नम्बर से पढ़ते जैसे –
- बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम = 786
- सुरह फातिहा = 1000
- सुरह बकरा = 2000
इस तरह से हम पूरी कुरआन शरीफ को आसानी से पढ़ लेते और कितना आसान तरिका होता है लेकिन अफ़सोस यह बिद्द्त है जो जहन्नुम की तरफ हमें और आपको ले जाता है.
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