इंशाअल्लाह MEANING IN ENGLISH | INSHALLAH MEANING IN HINDI

इंशाअल्लाह MEANING IN ENGLISH INSHALLAH MEANING IN HINDI Inshallah zaroor meaning in English इंशाअल्लाह का जवाब हिंदी में

इस्लाम धर्म में इंशाअल्लाह को बहुत ही फायदे के रूप में प्रयोग में लिया जाने वाला शब्द है लेकिन इंशाअल्लाह का मतलब क्या है ? तो आज हम इंशाअल्लाह MEAN IN HINDI में आपको जानकारी दे रहे है. “इंशाअल्लाह” एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है “अगर अल्लाह की मर्ज़ी हो” या “अल्लाह की इच्छा होने पर.”

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इंशाअल्लाह का मतलब क्या होता है

यहाँ जानिये इंशाअल्लाह का मतलब क्या होता है – इंशाअल्लाह (INSHALLAH ) एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है “अगर अल्लाह की मर्ज़ी हो” या “अल्लाह की इच्छा होने पर.” यह एक इस्लामी व्यक्तिगत या आध्यात्मिक संदेश का हिस्सा हो सकता है, और लोग इसका उपयोग करते हैं जब वे किसी घटना, काम, या प्रार्थना के नतीजे को अल्लाह की इच्छा और बख़्शिश पर छोड़ना चाहते हैं।

इसका उपयोग विशेष रूप से किसी काम के आगे बढ़ने या कुछ होने की उम्मीद करते समय किया जाता है, जैसे कि “मैं कल तुमसे मिलूँगा, इंशाअल्लाह” जिसका मतलब होता है “मैं कल तुमसे मिलने का इरादा है, यदि अल्लाह चाहें तो।” इस वाक्य का अंग्रेजी में मानक अनुवाद “INSHALLAH ” होता है।

यह इस्लामी समाजों में आम तौर से प्रयुक्त होता है, लेकिन यह दूसरे धर्मों में भी अक्सर सुना जा सकता है, खासकर जब किसी को अपने संयम और निर्णय के साथ कुछ करने का इरादा होता है।

यह एक इस्लामी व्यक्तिगत या आध्यात्मिक संदेश का हिस्सा हो सकता है, और लोग इसका उपयोग करते हैं जब वे किसी घटना या प्रार्थना के नतीजे को अल्लाह की इच्छा पर छोड़ना चाहते हैं। इस वाक्य का अंग्रेजी में मतलब अनुवाद “INSHALLAH” होता है।

इंशाअल्लाह MEANING IN ENGLISH – INSHALLAH MEANING IN HINDI

यहाँ जानिये इंशाअल्लाह MEANING IN ENGLISH – INSHALLAH MEANING IN HINDI –

एक आयत की तफसीर में मुफस्सरीन लिखते है कि नबी ऐ करीम के पास कुछ यहूदी आये और आपसे “अशाबे कहफ़” का वाक्या दरयाफ्त किया. तो फिर नबी ऐ करीम ने इंशा अल्लाह कहे बगैर उन्हें कल आने को कहा

क्योंकि अल्लाह रब्बुल इज्जत आपको बजरिये वही गैब का इल्म अता फरमाता इसिलिये आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने उन यहुदियों से एक दीन का वक्त मांगा। लेकिन महज़ इंशाअल्लाह भूल से ना कहने पर अल्लाह ने वही का सिलसिला रोक दिया फिर

अल्लाह रब्बुल इज्जत ने  “ऐ मेरे नबी ﷺ ! आप कोई चीज़ अपने से नहीं कर सकते जब तक आपका रब आपकी मदद न करे! आपने इंशाअल्लाह क्यों नहीं कहा?..”

जब कोई व्यक्ति कहता है किसी व्यक्ति से – मैं कल तुमसे मिलने आऊंगा, तो वह नहीं जान जानता क्या की उसकी जान अल्लाह के हाथो में है तो कल के लिए अल्लाह अगर आपके जान को ले ले तो आप कैसे उस शख्स से मिलने जा पाओगे.

ऐसे में अल्लाह पाक ने इरसाद फरमाया की कोई भी काम मोमिन को इंशा अल्लाह कह कर कहना चाहिए जैसे – इंशा अल्लाह मैं कल आऊंगा, इंशा अल्लाह मैं कल अपने बच्चो से मिलूँगा.अल्लाह बेशक सबका मालिक है और चाहेगा वही इस कायनात में होगा तो दोस्तों किसी भी काम को करने से पहले इंशा अल्लाह लगाया करो.

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