सभी धाराओं की लिस्ट IPC DHARA LIST IN HINDI

सभी धाराओं की लिस्ट IPC DHARA LIST IN HINDI सभी धाराओं की लिस्ट पीडीएफ डाउनलोड आईपीसी की धाराएं और सजा INDIAN PENAL CODE IN HINDI

भारतीय समाज को क़ानूनी रूप से व्यवस्थित रखने के लिए सन 1860 में लार्ड मेकाले की अध्यक्षता में भारतीय दंड संहिता IPC बनाई गई थी इस संहिता में विभिन्न अपराधों को सूचीबद्ध कर उस में गिरफ्तारी और सजा का उल्लेख किया गया है।

इस में कुल मिला कर 511 धाराएं हैं। कुछ खास धाराएं निम्न है आगे जाने भारतीय संविधान में IPC धाराओं का मतलब. कानूनी धारा कितने प्रकार की होती है

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सभी धाराओं की लिस्ट IPC DHARA LIST IN HINDI

सभी धाराओं की लिस्ट

यहाँ जानिये सभी धाराओं की लिस्ट IPC DHARA LIST IN HINDI – IPC धाराओ का मतलब  धारा कितनी होती है कानूनी धारा लिस्ट इन हिंदी. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं और उनके अर्थ

    • भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं और उनके अर्थ
    • आत्महत्या की कोशिश: धारा 309
    • ठगी करना: धारा 310
    • गर्भपात करना: धारा 312
    • हमला करना: धारा 351
    • स्त्री लज्जाभंग: धारा 354
    • अपहरण: धारा 362
    • छल करना: धारा 415
    • गृहभेदन: धारा 445
    • पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह: धारा 494
    • मानहानि: धारा 499
    • आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड: धारा 511
    • हत्या की कोशिश: धारा 307
    • हत्या का दंड: धारा 302
    • बलात्कार: धारा 376
    • डकैती: धारा 395
    • अप्राकृतिक कृत्य: धारा 377
    • डकैती के दौरान हत्या: धारा 396
    • षड्यंत्र रचना: धारा 120
    • अपहरण: धारा 365
    • सबूत मिटाना: धारा 201
    • सामान आशय: धारा 34
    • छीनाझपटी: धारा 412
    • चोरी: धारा 378
    • विधिविरुद्ध जमाव: धारा 141
    • मिथ्यासाक्ष्य देना: धारा 191
    • हत्या करना: धारा 300

    IPC DHARA LIST IN HINDI

    READ HERE IPC DHARA LIST IN HINDI – भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं और उनके अर्थ

      • भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं और उनके अर्थ
      • संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार: धारा 1
      • भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड: धारा 2
      • भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड: धारा 3
      • राज्यक्षेत्रातीत / अपर देशीय अपराधों पर संहिता का विस्तार: धारा 4
      • कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना: धारा 5
      • संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना: धारा 6
      • एक बार स्पष्टीकॄत वाक्यांश का अभिप्राय: धारा 7
      • लिंग: धारा 8
      • वचन: धारा 9
      • पुरुष, स्त्री: धारा 10
      • व्यक्ति: धारा 11
      • जनता / जन सामान्य: धारा 12
      • क्वीन की परिभाषा: धारा 13
      • सरकार का सेवक: धारा 14
      • ब्रिटिश इण्डिया की परिभाषा: धारा 15
      • गवर्नमेंट आफ इण्डिया की परिभाषा: धारा 16
      • सरकार: धारा 17
      • भारत: धारा 18
      • न्यायाधीश: धारा 19
      • न्यायालय: धारा 20

      INDIAN PENAL CODE IN HINDI

      READ HERE INDIAN PENAL CODE IN HINDI – भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं और उनके अर्थ

      • लोक सेवक: धारा 21
      • चल सम्पत्ति: धारा 22
      • सदोष अभिलाभ / हानि: धारा 23
      • बेईमानी करना: धारा 24
      • कपटपूर्वक: धारा 25
      • विश्वास करने का कारण: धारा 26
      • पत्नी, लिपिक या सेवक के कब्जे में सम्पत्ति: धारा 27
      • कूटकरण: धारा 28
      • दस्तावेज: धारा 29
      • मूल्यवान प्रतिभूति: धारा 30
      • बिल: धारा 31
      • कार्यों को दर्शाने वाले शब्दों के अन्तर्गत अवैध लोप शामिल है: धारा 32
      • कार्य: धारा 33
      • सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य: धारा 34
      • जबकि ऐसा कार्य इस कारण आपराधिक है कि वह आपराधिक ज्ञान या आशय से किया गया है: धारा 35
      • अंशत: कार्य द्वारा और अंशत: लोप द्वारा कारित परिणाम: धारा 36
      • कई कार्यों में से किसी एक कार्य को करके अपराध गठित करने में सहयोग करना: धारा 37
      • आपराधिक कार्य में संलग्न व्यक्ति विभिन्न अपराधों के दोषी हो सकेंगे: धारा 38
      • स्वेच्छया: धारा 39
      • अपराध: धारा 40

      भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं और उनके अर्थ

      • विशेष विधि: धारा 41
      • स्थानीय विधि: धारा 42
      • अवैध: धारा 43
      • क्षति: धारा 44
      • जीवन: धारा 45
      • मॄत्यु: धारा 46
      • जीवजन्तु: धारा 47
      • जलयान: धारा 48
      • वर्ष या मास: धारा 49
      • धारा: धारा 50
      • शपथ: धारा 51
      • सद्भावपूर्वक: धारा 52
      • दण्ड: धारा 53
      • मॄत्यु दण्डादेश का रूपांतरण: धारा 54
      • आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण: धारा 55
      • य़ूरोपियों तथा अमरीकियों को दण्ड दासता की सजा: धारा 56
      • दण्डावधियों की भिन्नें: धारा 57
      • निर्वासन से दण्डादिष्ट अपराधियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए जब तक वे निर्वासित न कर दिए जाएं: धारा 58
      • कारावास के बदले निर्वासन: धारा 59
      • दण्डादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में सम्पूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगा: धारा 60

      भारतीय कानून की धाराएं

      • संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार: धारा 1
      • भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड: धारा 2
      • भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड: धारा 3
      • राज्यक्षेत्रातीत / अपर देशीय अपराधों पर संहिता का विस्तार: धारा 4
      • कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना: धारा 5
      • संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना: धारा 6
      • एक बार स्पष्टीकॄत वाक्यांश का अभिप्राय: धारा 7
      • लिंग: धारा 8
      • वचन: धारा 9
      • पुरुष, स्त्री: धारा 10
      • व्यक्ति: धारा 11
      • जनता / जन सामान्य: धारा 12
      • क्वीन की परिभाषा: धारा 13
      • सरकार का सेवक: धारा 14
      • ब्रिटिश इण्डिया की परिभाषा: धारा 15
      • गवर्नमेंट आफ इण्डिया की परिभाषा: धारा 16
      • सरकार: धारा 17
      • भारत: धारा 18
      • न्यायाधीश: धारा 19
      • न्यायालय: धारा 20
      • लोक सेवक: धारा 21
      • चल सम्पत्ति: धारा 22
      • सदोष अभिलाभ / हानि: धारा 23
      • बेईमानी करना: धारा 24
      • कपटपूर्वक: धारा 25
      • विश्वास करने का कारण: धारा 26
      • पत्नी, लिपिक या सेवक के कब्जे में सम्पत्ति: धारा 27
      • कूटकरण: धारा 28
      • दस्तावेज: धारा 29
      • मूल्यवान प्रतिभूति: धारा 30
      • बिल: धारा 31
      • कार्यों को दर्शाने वाले शब्दों के अन्तर्गत अवैध लोप शामिल है: धारा 32
      • कार्य: धारा 33

      IPC dhara List in Hindi

      • सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य: धारा 34
      • जबकि ऐसा कार्य इस कारण आपराधिक है कि वह आपराधिक ज्ञान या आशय से किया गया है: धारा 35
      • अंशत: कार्य द्वारा और अंशत: लोप द्वारा कारित परिणाम: धारा 36
      • कई कार्यों में से किसी एक कार्य को करके अपराध गठित करने में सहयोग करना: धारा 37
      • आपराधिक कार्य में संलग्न व्यक्ति विभिन्न अपराधों के दोषी हो सकेंगे: धारा 38
      • स्वेच्छया: धारा 39
      • अपराध: धारा 40
      • विशेष विधि: धारा 41
      • स्थानीय विधि: धारा 42
      • अवैध: धारा 43
      • क्षति: धारा 44
      • जीवन: धारा 45
      • मॄत्यु: धारा 46
      • जीवजन्तु: धारा 47
      • जलयान: धारा 48
      • वर्ष या मास: धारा 49
      • धारा: धारा 50
      • शपथ: धारा 51
      • सद्भावपूर्वक: धारा 52
      • दण्ड: धारा 53
      • मॄत्यु दण्डादेश का रूपांतरण: धारा 54
      • आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण: धारा 55
      • य़ूरोपियों तथा अमरीकियों को दण्ड दासता की सजा: धारा 56
      • दण्डावधियों की भिन्नें: धारा 57
      • निर्वासन से दण्डादिष्ट अपराधियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए जब तक वे निर्वासित न कर दिए जाएं: धारा 58
      • कारावास के बदले निर्वासन: धारा 59
      • दण्डादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में सम्पूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगा: धारा 60
      • सम्पत्ति के समपहरण का दण्डादेश: धारा 61
      • मॄत्यु, निर्वासन या कारावास से दण्डनीय अपराधियों की बाबत सम्पत्ति का समपहरण: धारा 62
      • आर्थिक दण्ड/जुर्माने की रकम: धारा 63
      • जुर्माना न देने पर कारावास का दण्डादेशधारा, जब कि कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट किए जा सकते हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि: धारा 64
      • जुर्माना न देने पर किस भांति का कारावास दिया जाए: धारा 66
      • आर्थिक दण्ड न चुकाने पर कारावास, जबकि अपराध केवल आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो: धारा 67
      • आर्थिक दण्ड के भुगतान पर कारावास का समाप्त हो जाना: धारा 68
      • जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान: धारा 69
      • जुर्माने का छह वर्ष के भीतर या कारावास के दौरान वसूल किया जाना, मॄत्यु सम्पत्ति को दायित्व से उन्मुक्त नहीं करती: धारा 70
      • कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि: धारा 71
      • कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ति के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह है कि वह किस अपराध का दोषी है: धारा 72
      • एकांत परिरोध: धारा 73
      • एकांत परिरोध की अवधि: धारा 74
      • पूर्व दोषसिद्धि के पश्चात् अध्याय 12 या अध्याय 17 के अधीन कतिपय अपराधों के लिए वर्धित दण्ड: धारा 75
      • विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने आप के विधि द्वारा आबद्ध होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य: धारा 76
      • न्यायिकतः कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य: धारा 77
      • न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में किया गया कार्य: धारा 78
      • विधि द्वारा न्यायानुमत या तथ्य की भूल से अपने को विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य: धारा 79
      • विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना: धारा 80
      • आपराधिक आशय के बिना और अन्य क्षति के निवारण के लिए किया गया कार्य जिससे क्षति कारित होना संभाव्य है: धारा 81
      • सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य: धारा 82
      • सात वर्ष से ऊपर किंतु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य: धारा 83
      • विकॄतचित व्यक्ति का कार्य: धारा 84
      • ऐसे व्यक्ति का कार्य जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है: धारा 85
      • किसी व्यक्ति द्वारा, जो मत्तता में है, किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है: धारा 86
      • सम्मति से किया गया कार्य जिससे मॄत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय न हो और न उसकी संभाव्यता का ज्ञान हो: धारा 87
      • किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति से सद््भावपूर्वक किया गया कार्य जिससे मॄत्यु कारित करने का आशय नहीं है: धारा 88

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