इस्लाम में ब्याज लेना कैसा है ISLAM ME BYAJ LENA KAISA HAI ब्याज खाने वालों का अंजाम STATUS इस्लाम में ब्याज खाना कैसा है
इस्लाम मे ब्याज पर पैसा देना लेना हराम माना गया है साथ ही ब्याज की कमाई को कुरान अपवित्र मानती है ऐसे में इस्लाम में ब्याज लेना खाना कैसा है जाने इन हिंदी
अगर पैगम्बर साहब के दिखाये हुए रास्ते का मनन करे तो 2 बाते बहुत ही अहम निकल आती है पहला स. अ. सल्लम मुहम्मद साहब की शिक्षाए किसी एक देश या धर्म के लिए नहीं है, मतलब यह सभी के लिए है दूसरा उनकी शिक्षाए आज से डेढ़ हजार साल पहले जितनी प्रांसगिक थी वे आज भी है
इस्लाम में ब्याज लेना कैसा है
यहाँ जानिये इस्लाम में ब्याज लेना कैसा है ISLAM ME BYAJ LENA KAISA HAI – आज की दुनिया भले ही ब्याज को मूलधन का किराया, शुल्क इत्यादि माने लेकिन इस्लाम मे ब्याज पर पैसा खाना सही नहीं बताया गया है
इस्लाम के अनुसार ” ब्याज एक ऐसी व्यवस्था है जो अमीर को और अमीर और गरीब को और ज्यादा गरीब बनाती है” ब्याज को इस्लाम मे शोषण का रास्ता बताया गया है जिससे इंसान को दूर रहना चाहिए, इस्लाम मे ब्याज लेना हर तरह से गलत है
इस्लाम मे ब्याज लेने से साफ साफ मना किया गया है पवित्र कुरान मे कहा गया है – ईमान वालों, 2 गुना, 4 गुना, करके ब्याज का पैसा न खाया करो, अल्लाह से डरो
✅ इस्लाम मे कहा गया है ब्याज खाने वाले के घर से बरकत दूर हो जाती है | इस्लाम मे ब्याज के खिलाफ बहुत ही पाबंदी लगाई गई है इसलिए तो ब्याज खाने वाले के घर पर कुछ भी किसी और खाना भी हराम है
➡️ कुरान मे कहा गया है – ब्याज लेने वाले को भले लगता है उसका धन बढ़ रहा है लेकिन इसके उलट उसका धन कम हो रहा होता है | ब्याज खाने इंसान के पुण्य भी खत्म हो जाते है
✅ दान या पुण्य करने से धन कम नहीं होता लेकिन ब्याज धन को कम करता है ऐसे बहुत से लोग है जो ब्याज को सही साबित करने की कोशिश करते है
ISLAM ME BYAJ LENA KAISA HAI
READ HEER ISLAM ME BYAJ LENA KAISA HAI – इस्लाम में ब्याज लेना कैसा है ?
- अगर कर्जदार किसी मजबूरी के कारण
- समय पर कर्ज लौटा न सके तो आप उस पर सख्ती न करे
- अपमान न करे, साथ ही उसे और अधिक समय दे |
- अल्लाह के दिखाये हुए रास्ते को न छोड़ो और
- रोजी कमाने के लिए गलत तरीके, गलत साधन और गलत रास्ता न अपनाओ |
- हर एक धर्म के लोग रोजी कमाने के लिए गलत तरीका न अपनाए
- और जो भी रोजी कमाए वह हलाल यानि ईमानदारी से कमाओ
इस्लाम मे कर्ज देना और देना चाहिए या नहीं
✅ इस्लाम मे कहा गया है अगर आपके पास धन है तो किसी जरूरतमंद को कर्ज के तौर पर दे दो साथ ही इस कर्ज के वापसी के लिए इतना समय दे दो कि कर्जदार आसानी से कर्ज लौटा सके और दूसरों को भी यकीन दिलाते है कि ब्याज लेना उचित है तो ऐसे लोगो को समझ लेना चाहिए कि यह इंसान शैतानी धोखे मे है
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