मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज MIRGI KA AYURVEDIC ILAJ IN HINDI दिमागी दौरे का इलाज मिर्गी का इलाज कितने साल चलता है? Mirgi ka Homeopathic ilaj
मिर्गी जैसी बीमारी से लोग दूर ही रहना पसंद करते है इसलिए बहुत से लोग मिर्गी शब्द का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहते है क्योकि यह एक परेशान करने वाली बीमारी या समस्या है मिर्गी बीमारी मे मरीज को बार बार दौरा आता है मिर्गी बीमारी को आपसमर या मिर्गी के नाम से जाना जाता है
जिस किसी को मिर्गी आती है उसके अंदर कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते है जैसे – मरीज को चक्कर, हाथ पैर मे झटका, इन सब से पीड़ित व्यक्ति को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसलिए मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति अकेले कही आने जाने से बचता है आगे जाने मिर्गी का देसी होम्योपैथिक इलाज कारण लक्षण इन हिंदी.

मिर्गी के लक्षण क्या है MIRGI KE LAKSHAN KYA HAI
मिर्गी के लक्षण क्या है MIRGI KE LAKSHAN KYA HAI – जिस किसी को मिर्गी हो उसमे निम्न लक्षण दिखाई दे सकते है –
- चिड़चिड़ा महसूस
- थकान और तनाव
- अचानक दौरा जिससे शरीर का संतुलन खो बैठना
- सुनने और स्वाद पहचानने मे दिक्कत
- कमजोरी महसूस
- शरीर मे झुंझुनाहट
- आंखे ऊपर की और जाना
मिर्गी आने का कारण क्या है
- नींद सही समय पर न लेना
- नशा का अधिक मात्रा मे सेवन
- सर पर चोट खून मे ग्लूकोज की मात्रा का कम होना
- कभी कभी दवाओ का गलत असर करने से भी मिर्गी होने का खतरा बना रहता है
मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज MIRGI KA AYURVEDIC ILAJ
READ HERE मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज MIRGI KA AYURVEDIC ILAJ – MIRGI से बचने के लिए निम्न उपाय करें
मानसिक तनाव और शारीरिक श्रम मिर्गी रोग के लिए नुकसानदायक होता है तो यह करने से बचे बादाम, बड़ी ईलाईची, अमरूद और अनार के 17 पसट्टे लीजिए और इन सबको 2 गिलास पानी मे उबाल लीजिए जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो उसमे नमक मिला लीजिए और पी लीजिए
यह दिन मे 2 बार करना होता है यह देसी इलाज मिर्गी मरीज के बहुत फायदेमंद होता है मिर्गी के रोगी के लिए अंगूर का रस काफी लाभदायक माना जाता है आधा किलो अंगूर का रस निकालकर रोजना खाली पेट पीना होगा यह तरीका लगातार 6 महीने करने से आश्चर्यजनक परिमाण देखेने को मिलेगा
बीटामिन बी6 [ पायरिडाक्सीन ] का प्रयोग मिर्गी रोगी के लिए फायदेमंद है यह बिटामिन गाजर, मूँगफली, चावल, हरी सब्जीया और दाल मे पाया जाता है तो मिर्गी रोगी को बिटामिन बी 6, 150 – 200 मिलीग्राम लेना चाहिए रोजाना 20 पत्ते तुलसी के मिर्गी के मरीज को चबाना चाहिए इससे मरीज के रोग मे गिरवाट देखने को मिलेगा
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